▶️ कहां अपने स्वार्थ के लिए नाम बदलना उचित नहीं है
राजनांदगांव। जनमोर्चा के अध्यक्ष शिव वर्मा ने कहा कि संस्कारधानी में रहने वाले लोगों की पहचान राजनांदगांव है। साथ ही यहां के राजाओं के द्वारा राजनांदगांव का नाम रखा गया है। कुछ लोगों के द्वारा अपने स्वार्थ के लिए संस्कारधानी राजनांदगांव के नाम को बदलने का बात कर राजाओं का अपमान कर रहे हैं जिससे राजनांदगांव की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगा। यह शहर राजनांदगांव जिला का हिस्सा वह है जो भारत के ऐतिहासिक रूप से समृद्ध स्थानों में से एक है। गौरवशाली अतीत, सुंदर प्रकृति और संसाधनों की बहुतायत ने राजनंदगांव को भारत के उभरते शहरों में से एक के रूप में बनाया है। केंद्रीय बड़े मैदान में स्थित शहर का एक अच्छा इतिहास है। प्राचीन, समकालीन और शहर का हालिया इतिहास दिलचस्प और रोमांचक लगता है। राजनांदगांव प्राचीन भारत के उन क्षेत्रों में से एक थे जो पहले के दिनों में प्रकाश में नहीं आए थे। शहर पर प्रसिद्ध राजवंशों जैसे सोमवंशी, कालचुरी बाद में मराठा पर शासन किया गया था। हालांकि, शहर का इतिहास हटाना नहीं है। भारत के अन्य हिस्सों की तरह, राजनंदगांव भी एक संस्कृति केंद्रित शहर था। शुरुआती दिनों में शहर को नंदग्राम कहा जाता था। तब एक छोटे से राज्य का इतिहास घटनापूर्ण नहीं हो सकता है, लेकिन शहर इतिहास के पृष्ठों पर एक निशान बनाने के लिए पर्याप्त था। राजनांदगांव राज्य वास्तव में 1830 में अस्तित्व में आया था। बैरागी वैष्णव महंत ने आज राजधानी राजनंदगांव में अपनी राजधानी स्थानांतरित कर दी। शहर का नाम भगवान कृष्ण, नंद, नंदग्राम के वंशजों के नाम पर रखा गया था। हालांकि, नाम जल्द ही राजनांदगांव में बदल दिया गया था। राज्य के आकार के कारण, नंदग्राम आम तौर पर हिंदू देखभाल करने वालों द्वारा शासित था। राजनंदगांव के इतिहास में, उन्हें वैष्णव के नाम से जाना जाता है। राज्य ज्यादातर हिंदू राजाओं और राजवंशों के अधीन था। महल, सड़कों, राजनांदगांव के पुराने और ऐतिहासिक अवशेष पिछले युग की संस्कृति और महिमा दर्शाते हैं।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि राजाओं के द्वारा रखा गया नाम को नहीं बदलने देंगे वहीं दूसरी तरफ एक राजा के नाम को रखकर बाकी राजाओं का अपमान करना जनमोर्चा बर्दाश्त नहीं करेंगे और बहुत जल्दी राजनांदगांव जनमोर्चा राजनांदगांव के नाम को नहीं बदलने के लिए प्रत्येक वार्डों में समिति गठन कर संस्कारधानी मैं रहने वाले लोगों से इस पर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जाएगा साथ ही राजनांदगांव जनमोर्चा का विस्तार भी अति शीघ्र किया जाएगा। उक्त जानकारी राजनांदगांव जनमोर्चा के सचिव पूर्व पार्षद जीतू शर्मा के द्वारा दिया गया है।