शिवनाथ नदी के उद्गम स्थल पर शिव गंगा महाआरती

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संवाददाता – हफीज़ खान

गढ़चिरौली । शिव चतुर्दशी के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी जीवनदायिनी शिवनाथ नदी के उद्गम स्थल महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले के गोडरी ग्राम में शिवगंगा महाआरती का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन में मानपुर मोहला विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं संसदीय सचिव इंद्र शाह मंडावी सहित छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए।


नदियों के प्रति आस्था का अदभुत संगम लेकर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शिवनाथ नदी के उद्गम स्थल पर शिव गंगा महाआरती कर नदियों के संरक्षण और संवर्धन का संदेश दिया। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के ग्राम गोडरी में आयोजित शिवगंगा महाआरती में छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव एवं मानपुर मोहला विधानसभा क्षेत्र के विधायक इंद्र शाह मंडावी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस दौरान शिवगंगा महाआरती समिति के संस्थापक आलोक शर्मा और उनकी टीम के द्वारा शिवनाथ नदी के उद्गम स्थल पर सबसे पहले छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत अरपा पैरी के धार… से आयोजन की शुरूआत की गई तत्पश्चात् भगवान भोलेनाथ की आरती की गई और इसके बाद मां गंगा की आरती कर देश भर की तमाम नदियों के संरक्षण और संवर्धन की कामना करते हुए नदियों के प्रति लोगों में जन जागरूकता फैलाई गई।

शिवगंगा महाआरती के इस आयोजन में दोनों ही प्रदेशों से शामिल होने पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शिवगंगा महाआरती के इस आयोजन की प्रशंसा की और इस आयोजन से नदियों के प्रति उनकी आस्था और मजबूत होने की बात कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव इंद्र शाह मंडावी ने आयोजन समिति शिव गंगा महाआरती की सराहना करते हुए कहा की शिवनाथ नदी के उद्गम स्थल पर इतनी दूर से आरती कर जन आस्था को जोड़ते हुए नदियों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए शिवगंगा महाआरती समिति का वे आभार व्यक्त करते हैं। निसंदेह इस तरह के आयोजन से लोगों में नदियों के प्रति आस्था मजबूत होगी और लोग नदियों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में आगे बढ़ेंगे। वहीं समाजसेवी संजय जैन ने कहा कि नदियों के संरक्षण से प्रकृति को बचाया जा सकता है। वहीं इस महाआरती के माध्यम से जीवनदायिनी नदी के प्रति हमारे कर्तव्यों को पूरा किया जा सकता है।

ग्रामीणों ने की आयोजन की सराहना

शिवगंगा महाआरती समिति राजनांदगांव द्वारा शिवनाथ नदी के उद्गम स्थल पर आयोजित की गई शिवगंगा महाआरती में ग्राम कोडगुल, गोडरी, पाटिलटोला, देउलभाठ्ठी सहित आसपास के गांवों से आए ग्रामीण शामिल हुए। वहीं उन्होंने बताया कि पहली बार यहां उद्गम स्थल पर कोई विधायक पहुंचे हैं! ग्रामीणों ने समिति के द्वारा नदियों के संरक्षण संवर्धन के लिए आध्यात्मिक रूप से लोगों को जोड़ने कि इस अभिनव पहल की सराहना की और इस तरह का आयोजन सतत जारी रहने के लिए शुभकामनाएं दी।

शिवनाथ के उद्गम स्थल को संरक्षित कर पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की मांग
शिवनाथ नदी छत्तीसगढ़ प्रदेश की जीवनदायिनी नदी है और इस नदी का उद्गम स्थल महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिला स्थित ग्राम गोडरी है। महाराष्ट्र के अंतिम जिले में बसे इस छोटे से गांव में जीवनदायिनी शिवनाथ नदी के उद्गम स्थल पर गांव के लोगों ने एक मंदिर बनवाया हुआ है, लेकिन यहां अब तक विकास कोसों दूर है! इस जगह को महाराष्ट्र सरकार के द्वारा संरक्षित किए जाने की जरूरत है। यहां उद्गम स्थल तक पहुंचने के लिए दुर्गम रास्ता तय करना पड़ता है। शिवनाथ नदी के उद्गम स्थल से शिवनाथ नदी की धारा दोनों ओर बहती है, जिसका एक हिस्सा महाराष्ट्र की ओर कुछ दूरी तक प्रवाहित होता है, तो वहीं दूसरा हिस्सा छत्तीसगढ़ की ओर जीवनदायिनी नदी बनकर बहती है, जो छत्तीसगढ़ की सबसे लम्बी नदी है। शिवनाथ नदी पर ही छत्तीसगढ़ की एक बड़ी आबादी का जीवन और यहां की खेती, किसानी, सिंचाई व्यवस्था निर्भर है, इसलिए महाराष्ट्र सरकार के साथ-साथ छत्तीसगढ़ सरकार को भी इस क्षेत्र में शिवनाथ नदी के संरक्षण के लिए कार्य किए जाने की जरूरत दिखाई देती है। वहीं इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर शिवनाथ नदी के उद्गम को सहजा जा सकता है।

शिवगंगा महाआरती समिति के द्वारा प्रदेशभर के विभिन्न जिलों में किया जाता है आयोजन
प्रतिमाह के प्रदोष तिथि पर राजनांदगांव शहर के मोहरा स्थित शिवनाथ नदी तट पर शिवगंगा महाआरती समिति द्वारा शिवगंगा महाआरती का आयोजन लगभग 5 वर्षों से किया जा रहा है, तो वहीं नदियों के प्रति लोगों में आस्था जागृत करने शिवगंगा महाआरती समिति प्रदेश के अन्य जिलों में जाकर भी शिव गंगा महाआरती का आयोजन करती है। इसी कड़ी में महानदी का उद्गम स्थल सिहावा, ओनाकोना, अंबागढ़ चौकी के बाद अब शिवनाथ नदी के उद्गम स्थल गोडरी में शिवगंगा महाआरती का आयोजन किया गया है। इस आयोजन के दौरान शिवगंगा महाआरती समिति के संस्थापक आलोक शर्मा समिति के सदस्य पंडित अनिल तिवारी, पंडित साहित्य तिवारी ,परमानंद रजक मनीष द्विवेदी आदि उपस्थित थे।

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