राजनांदगांव 10 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल के मंशानुसार छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिलों में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल जैसे गिल्ली-डंडा, भंवरा, रस्सी-कूद खो-खो, फुगडी, कबड्डी खेलों को बड़े ही उत्साह से खेला गया। आज ग्राम तिलई के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला व राजीव युवा मितान क्लब के द्वारा आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य हफीज खान की उपस्थिति मे सम्पन्न हुई।
कार्यक्रम के प्रारंभ में शाला के शिक्षकगण एवं राज्य युवा मितान क्लब के सदस्यों ने मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ भेटकर स्वागत किया तत्पश्चात स्वागत भाषण मे शाला के प्राचार्य राकेश जोशी ने कहा कि शासन की योजना सर्वांगीण विकास पर जोर देता है माननीय मुख्यमंत्री के मंशानुसार प्रदेश के समस्त शालाओ मे छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है।
शाला के बच्चो द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य हफीज खान ने अपने उद्बोधन मे स्कूल के बच्चो व ग्राम वासियो को सम्बोधित करते हुए कहा कि, जब से माननीय भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री की शपथ ली तब से छत्तीसगढ़ की संस्कृति, बोली, भाषा, शिक्षण, खान-पान, रहन-सहन, त्योहार को छत्तीसगढ़ी पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी का उद्देश्य इस खेल के माध्यम से छात्र-छात्राओ व युवाओ को आगे बढाने के लिए प्रोत्साहित करना है। माननीय मुख्यमंत्री जी ने शपथ ग्रहण करते ही किसानो का कर्जा माफी, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, छत्तीसगढ़ मे “अरपा पैरी के धार” गीत को राजगीत का दर्जा दिया, साथ ही शहर व ग्रामीण क्षेत्रो के युवाओ के लिए राजीव युवा मितान क्लब का गठन कराकर खेल-कूद, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजक कराने के लिए युवाओ को प्रोत्साहित किया ताकि युवा छात्र छात्राए अधिक से अधिक खेल कूद मे भाग लेकर अपने शारारिक एवं बौद्धिक विकास को आगे बढ़ा सके। जिसके लिए माननीय मुख्यमंत्री जी एवं समस्त मंत्रियो का धन्यवाद।
कार्यक्रम में ग्राम पंचायत तिलई के सरपंच श्रीमती मथुरा बाई नेताम, पूर्व जनपद पंचायत सदस्य संतराम निषाद, दुर्गेश दिवेदी, मिथलेश चंद्रवंशी, गौतम सेन, चुन्नी साहू, अमजद खान, शाला के प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षिकागण, स्कूल के बच्चे एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।
