छः ग मनरेगा कर्मचारी महासंघ के आह्वान में जिले के कुल 1000 से अधिक मनरेगा अधिकारी कर्मचारि रोजगार सहायकों ने 2 सूत्री मांगों को लेकर अनिष्टिकालीन हड़ताल पर है.
ज्ञात हो कि सिर्फ जिला राजनांदगांव में ही लगभग एक लाख से अधिक अकुशल श्रमिक कार्यरत रहते हैं किंतु अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते आज जिले में कार्यरत श्रमिकों की संख्या शून्य है। अर्थ साफ है कि इस हड़ताल से प्रतिदिन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सिर्फ 1 जिले से ही 2 करोड़ से अधिक राशि का नुकसान होगा,ज्ञात हो कि पूर्व वर्षों में कोरोना काल के दौरान मनरेगा योजना के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा देकर मजदूरों को अपने ही गांव में रोजगार प्रदाय कर वित्तीय संकट से बचाने यही रोजगार गारंटी के अधिकारी कर्मचारी व रोजगार सहायकों ने बेड़ा उठाया था लेकिन अफसोस की इन्ही कर्मचारियों का रोजगार की कोई गारंटी नहीं है जिसके कारण जन घोषणा पत्र में किया गया वादा को आत्मसात करने की मांग को लेकर हड़ताल करने हेतु सभी अधिकारी कर्मचारी लामबंद हुए है ।
निरंतर हड़ताल के होने से श्रमिकों को रोजगार न मिलने के कारण इन श्रमिकों को होने वाला आर्थिक नुकसान भविष्य में पलायन की दिशा में भी अग्रसर हो सकता है ।
अपनी मांगों को लेकर धरना स्थल पर धरना देने के साथ-साथ टि्वटर फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यानाकर्षण किया गया।
*दो सूत्रीय मांग*
1.चुनावी जन घोषणा पत्र को आत्मसात करते समस्त मनरेगा कर्मियों का नियमितीकरन किया जावे
2. नियमितीकरन की प्रकिया पूर्ण होने तक रोजगार सहायकों का ग्रेड पे निर्धारण कर समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 का पालन करते हुए पंचायत कर्मी नियमावली लागू हो
