संवाददाता- हफीज़ खान
स्वयं के खर्च से की आवास और भोजन की व्यवस्था
पार्षद ऋषि शास्त्री
राजनांदगांव। शहर के वार्ड नंबर 42 के पार्षद ऋषि शास्त्री ने छात्र हित को देखते हुए परीक्षार्थियों के लिए स्वयं के खर्चे पर भोजन और आवास व्यवस्था कराई है, जिससे परीक्षार्थियों को समय पर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में आसानी हो रही है।
राजनांदगांव शहर के वार्ड नंबर 42 के पार्षद पशु प्रेमी ऋषि शास्त्री पशुओं की सेवा के साथ ही इन दिनों छात्र-छात्राओं की सहायता करने को लेकर भी चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने महाविद्यालय में निर्धन छात्र छात्राओं की जनभागीदारी फीस अपने मानदेय से जमा कर सराहनीय कार्य किया था। वहीं अब परीक्षार्थियों के लिए आवास और भोजन व्यवस्था कर एक बार फिर वह छात्र हित में बेहतर काम करने के लिए सुर्खियों में हैं। बीते वर्ष से ऋषि शास्त्री छात्र छात्राओं के लिए कुछ बेहतर करने की सोच को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। इसी के तहत उन्होंने अपने मानदेय की राशि भी छात्र छात्राओं के हित में खर्च की है। वहीं अब वे परीक्षार्थियों के लिए आवास और भोजन व्यवस्था में जुटे हुए हैं। दरअसल राजनंदगांव शहर के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों में पीजीडीसीए, डीसीए, बीएड की परीक्षा देने प्रदेश के कई क्षेत्रों से परीक्षार्थी आ रहे हैं, जिन्हें यहां रुकने और भोजन की समस्या थी। ऐसे विद्यार्थियों के लिए पार्षद ऋषि शास्त्री ने आगे आकर मदद का हाथ बढ़ाया है। पार्षद ऋषि शास्त्री का कहना है कि आसपास के जिलों से आने वाले विद्यार्थियों की अगर ट्रेन या बस लेट हो जाए, या फिर कोई और कारण से उन्हें परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में देरी होती है तो उनका पूरा साल बर्बाद हो जाता है। इसी वजह से यहां परीक्षार्थियों के रुकने और भोजन की व्यवस्था की गई है।
विगत दिनों बालोद जिले से कुछ परीक्षार्थी राजनांदगांव में अपना परीक्षा केंद्र देखने आए थे इस दौरान वे यहां चार दिनों तक आयोजित परीक्षा के लिए स्थानीय स्तर पर ही रहने आवास ढूंढ रहे थे। जिसकी खबर पार्षद ऋषि शास्त्री को मिली तो, ऋषि शास्त्री ने इन परीक्षार्थियों की समस्या से अवगत होते हुए उनके ठहरने और भोजन की व्यवस्था स्वयं के खर्चे से की। पार्षद ऋषि शास्त्री के इस सहृदयता से विद्यार्थी भी उनकी सराहना कर रहे हैं।
पार्षद ऋषि शास्त्री ने न केवल उनके रुकने खाने की व्यवस्था की बल्कि उनके पढ़ाई में जरूरी संसाधन का भी इंतजाम किया है। यहां छात्र-छात्राओं को अलग-अलग ठहराने के लिए उन्होंने बसंतपुर क्षेत्र में दो मकानों की व्यवस्था की जहां एक में लगभग 20 छात्र और दूसरे भवन में 5 छात्राएं ठहरी हुई है। इनकी चार दिनों की परीक्षा पूरी होने के बाद आने वाले दूसरे बैच के लिए भी पार्षद ऋषि शास्त्री द्वारा इसी तरह की व्यवस्था की जा रही है। पार्षद की सेवा भाव के कार्य की सराहना परीक्षार्थियों सहित वार्ड के नागरिक भी कर रहे हैं।