पंडित शुक्ल एक दमदार राजनेता थे अविभाजित मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के विकास में इनका योगदान आज भी प्रासंगिक हैंः कुलबीर

छत्तीसगढ़
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स्व. पंडित विद्याचरण शुक्ल की 9वीं पुण्यतिथि पर शहर कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि

 

राजनांदगांव 11 जून 2022। अविभाजित मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री पंडित विद्याचरण शुक्ल की पुण्यतिथि पर शनिवार 11 जून को स्थानीय कांग्रेस भवन में शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा के नेतृत्व में संगोष्ठी सभा आयोजित कर श्रद्धांजलि दी गई।
संगोष्ठी सभा का संचालन करते हुए शहर कांग्रेस महामंत्री अमित चंद्रवंशी ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि सर्वप्रथम शहीद स्व. विद्याचरण शुक्ल जी के तैलचित्र पर राज्य अंत्यावसायी निगम के अध्यक्ष श्री धनेश पाटिला, संभागीय प्रवक्ता कमलजीत सिंह पिन्टू, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रमेश राठौर ने माल्यार्पण, पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा विद्या भईया अमर रहे के नारे लगाए गए।
राज्य अंत्यावसायी निगम के अध्यक्ष श्री धनेश पाटिला ने संगोष्ठी सभा के माध्यम से वरिष्ठ नेता पंडित विद्याचरण शुक्ला को नमन करते हुए उनके साथ बिताएं पलों को याद करते हुए बताया कि विद्या भईया ने देश के साथ-साथ अविभाजित मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के विकास के लिए अनेकों कार्य किए है। इंदिरा जी के प्रधानमंत्रित्व काल में सूचना-प्रसारण व जल संसाधन मंत्री बने और देश के विकास में अपना योगदान दिए थे। विद्या भईया आजीवन समाजसेवा व देश सेवा में लगे रहे और उन्होंने कई बार लोकसभा में अविभाजित मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया। वे छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए काफी संघर्ष किया था। सन 2013 के परिवर्तन यात्रा में झीरम घाटी में उन्हें गोली लगी थी और आज ही के दिन 11 जून 2013 में उनका निधन हुआ था।
संगोष्ठी सभा को शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने छग के वरिष्ठ कांग्रेसी व पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के 9वीं पुण्यतिथि पर नमन करते हुए कहा कि पंडित विद्याचरण शुक्ल का नाम एक दमदार राजनेता के तौर पर जाना जाता है। वे हमेशा कांग्रेस संगठन व कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाते रहे। छग से भाजपा की सरकार को उखाड फेकने के लिए संकल्पित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा परिवर्तन यात्रा निकाली गई थी। किन्तु बस्तर में परिवर्तन यात्रा के वापसी के दौरान 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों द्वारा हमले में गोली लगने से घायल होने के बाद भी कई दिनों तक अस्पताल में संघर्ष करते रहे और 11 जून 2013 को अंतिम सांस ली। अलग-अलग विभागों में भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री रहते उन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में अपनी भूमिका का निर्वाहन किया।
संगोष्ठी सभा को निगम अध्यक्ष हरिनारायण धकेता, संभागीय प्रवक्ता कमलजीत सिंह पिन्टू, पूर्व महापौर नरेश डाकलिया, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रमेश राठौर, महिला कांग्रेस अध्यक्ष रौशनी सिन्हा, सेवादल अध्यक्ष अमित खंडेलवाल, योगेन्द्र प्रताप सिंह, दक्षिण ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सूर्यकांत जैन, पूर्व सेवादल अध्यक्ष बबलू कसार, मनीष गौतम, प्रमोद बागड़ी ने संबोधित किया। उक्त संगोष्ठी सभा में उपस्थित कांग्रेसजनों का महामंत्री झम्मन देवांगन ने उपस्थित कांग्रेसजनों का आभार जताया। कार्यक्रम के अंत में स्व.विद्याचरण शुक्ल को समस्त कांग्रेसजनों द्वारा दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। संगोष्ठी सभा में शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष विकास त्रिपाठी, राजू खान, भोजराज भेलावे, अशोक फडनवीस, आरबी मिश्रा, सुरेन्द्र देवांगन, गेमू कुंजाम, विष्णु सिन्हा, बुधराम साहू, नासिर खां सहित कांग्रेसजन उपस्थित थे।

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