मंदराजी पर बाल चित्र कहानियां लिखने वाले साहित्यकार साव सम्मानित

छत्तीसगढ़
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राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ी लोकरंग शैली “नाचा” के पुरोधा  दाऊ मंदराजी जिनके नाम पर छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा प्रतिवर्ष दो लाख रूपये का मंदराजी सम्मान की स्थापना की गई है, ऐसे लोक कला पुरोधा के जीवन चरित्र के संबंध में सचित्र बाल कहानियां लिखने वाले साहित्यकार विनोद साव का छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति जिला इकाई द्वारा सम्मान किया गया।


दुर्ग निवासी व्यंग्यधर्मी साहित्यकार विनोद साव का सम्मान राजभाषा आयोग छ.ग. शासन के जिला समन्वयक वरिष्ठ कवि/साहित्यकार आत्माराम कोशा “अमात्य” व सभालोचक/ कवि महेन्द्र बघेल “मधु” द्वारा हार-फूल पहना कर किया गया। बताया गया कि श्री साव को सम्मानित करने वाले श्री कोशा न केवल कवि/साहित्यकार है, लोककला धर्मी व संगीतकार भी है। उन्होंने मंदराजी दाउ के साथ वाद्य वादन का कार्य किया व संगति की है। श्री कोशा द्वारा कन्हारपुरी वार्ड नं. 34 में लोक कलाकारों के सहयोग से प्रतिवर्ष एक अप्रैल को मंदिराजी महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें दूर-दूर के कलाकारों व लोक सांस्कृतिक संस्थाओं की सहभागिता रहती है। पितृ पक्ष के दौरान 24 सितम्बर को मंदराजी दाउजी की पुण्य तिथि संगीतिक आयोजन के माध्यम से मनाई जाएगी।
साहित्यकार विनोद साव के सम्मान अवसर पर छत्तीसगढ़ साहित्य समिति के संरक्षक आचार्य सरोज द्विवेदी, डॉ. पीसी लाल यादव, गिरीश ठक्कर ‘स्वर्गीय, हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर वीरेन्द्र तिवारी ‘वीरू, सांकेत के संरक्षक कुबेर साहू, अध्यक्ष लखन लाल साहू ‘लहर, ओमप्रकाश साहू ‘अंकुर, थनवार निषाद ‘सचिन, बलराम सिन्हा ‘रब, कुलेश्वर साहू आदि की उपस्थिति रही। श्री कोशा के राजभाषा आयोग के जिला समन्वय बनाए जानेपर हर्ष व्यक्त करते हुए उपरोक्त जनों सहित कवि एवं समालोचक राजकुमार चौधरी ‘रौना, दादूलाल जोशी ‘फरहद, पवन यादव ‘पहुना, शेर सिंह गोडिया, शायर के.बी. गाजी, आनंदराम सार्वा, शायर इकबाल खान, डॉ. संतराम देशमुख सहित अन्य कवि/ साहित्यकारों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उक्ताशय की जानकारी कवि आनंदराम सार्वा ने दी।

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