बूढा़ सागर के तट पर हुआ शिवगंगा महाआरती का आयोजन

छत्तीसगढ़
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संवाददाता – हफीज़ खान

राजनांदगांव  21 नवम्बर। नदियों, सरोवर, तालाबों के संरक्षण संवर्धन की दिशा में राजनांदगांव शहर के बुढा़ सागर में शिवगंगा महाआरती का आयोजन किया गया। इस आयोजन में शामिल होकर श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ और मां गंगा की आरती करते हुए नदी तालाबों के संरक्षण संवर्धन के लिए जागरूकता फैलाई।

प्रति माह के प्रदोष तिथि पर आराध्य शिक्षा एवं सेवा समिति , राष्ट्रीय मासिक पत्रिका “द ट्रायो” और शिव गंगा महाआरती समिति के द्वारा मोहारा स्थित शिवनाथ नदी के तट पर शिव गंगा महाआरती का आयोजन किया जाता है। इस महाआरती के माध्यम से नदी, सरोवर, तालाब के संरक्षण संवर्धन को लेकर लोगों में जन जागरूकता फैलाई जाती है। सोमवार को प्रदोष तिथि पर शिवगंगा महा आरती का आयोजन राजनांदगांव शहर के बूढ़ा सागर तट पर किया गया।

इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि राजनांदगांव प्रेस क्लब के अध्यक्ष सचिन अग्रहरि शामिल हुए, वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। बूढ़ा सागर तट पर आयोजित हुई शिवगंगा महाआरती में श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ की आरती की और इसके बाद मां गंगा की आरती कर नदी तालाबों के संरक्षण संवर्धन को लेकर जागरूकता फैलाई। पंडित अनिल आचार्य द्वारा शिवगंगा महाआरती संपन्न कराया गया और कार्यक्रम का संचालन मिलन साहू द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपस्थित प्रेस क्लब के अध्यक्ष सचिन अग्रहरी ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि शिवगंगा महाआरती की शुरुआत आज से 4 वर्ष पूर्व आलोक शर्मा जी के द्वारा की गई थी। इस आयोजन ने विस्तारित रूप ले लिया है और प्रदेश के कई जिलों में महाआरती का आयोजन होने लगा है। उन्होंने कहा कि इस प्रदोष काल से एक नई शुरुआत हुई है, जिसमें आलोक शर्मा जी ने नदी के साथ-साथ तालाबों को बचाने की दिशा में बूढ़ा सागर में शिवगंगा महाआरती की शुरुआत की है। यह आयोजन जन जागरूकता के दिशा में और आगे बढ़े।

वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कि शिवगंगा महाआरती का आयोजन हमें जल संरक्षण का संदेश देता है। वहीं नदियों और तालाबों को सहेजने में भी हमारे कर्तव्यों का स्मरण कराता है।

इस आयोजन में शामिल होते हुए सेवानिवृत्ति शिक्षिका नलिनी ठक्कर ने कहा कि जल की सुरक्षा करना हम सब का कर्तव्य है। यह शिवगंगा महाआरती हमें जल के महत्व को समझात है। उन्होंने कहा कि गंगा आरती करने से घर में सुख समृद्धि और शांति आती है। इस महाआरती में हम सबको सहभागी बनना चाहिए।

शिवगंगा महाआरती के आयोजन के माध्यम से लोगों में जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, नदी, तालाब, सरोवर और विभिन्न जल स्रोतों के संरक्षण की दिशा में जन जागरूकता आध्यात्मिक रूप से फैलाई जा रही है। शिवगंगा महाआरती का निरंतर आयोजन प्रदोष तिथि पर शिवगंगा महाआरती के संस्थापक आलोक शर्मा और उनकी टीम के द्वारा किया जाता है। अब इसकी शुरुआत राजनांदगांव शहर के बूढ़ा सागर के तट पर भी की गई है। शिवगंगा महाआरती के इस आयोजन में शामिल होकर श्रद्धालुओं ने जन जागरूकता का संदेश देने के साथ ही अपने परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष तिथि पर मां गंगा की आरती करने से परिवार के कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख समृद्धि आती हैं। शिवगंगा महाआरती के इस आयोजन में जयदीप शर्मा, परमानंद रजक, अंकालू साहू, किशोर महेश्वरी, उमेश ठक्कर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण उपस्थित थे।

 

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