संवाददाता – करण सिंह ठाकुर
खैरागढ़। छुईखदान विकास खण्ड शिक्षा विभाग के अन्तर्गत, एक शिक्षक द्वारा लगातार अपने कर्तव्य पालन में शाला में अनुपस्थित रहे, जिसे एक जन प्रतिनिधि ने उनकी शाळा में जाकर अध्ययनरत छात्र छात्राओ को उनके नाम लेकर सवाल किया था. तो छात्र छात्राओं ने उन्हें नही जानने बताया जिसका वीडियो वायरल हुआ था उसके बाद शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने उस शाला का औचक निरीक्षण किया जिसमे वह शिक्षक शाला में अनुपस्थित मिला इसके पूर्व भी जांच हुई थी. जिसकी जांच रिपोर्ट कार्यालय में सुरक्षित होगी ऐसा मानना है। पूर्व 3 शिक्षा अधिकारी ने उक्त शिक्षक की अवकाश स्वीकृति नहीं की गई, ऐसा सूत्रों नें अवगत कराया था। किन्तु वर्तमान में प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा उस शिक्षक का वेतन निकाल दिया गया, यह सर्व विदित है। चिकित्सा प्रमाण पत्र मूळ नियम (10 ख) के पूरक नियम 2 एवं तीन मे स्पष्ट उल्लेख है कि राजपत्रित पदो के किए मेडिकल बोर्ड तथा राजपत्रित पदो के लिए जिला प्रमुख चिकित्सा अधिकारी से फिटनेस प्रमाण पत्र अभ्यर्थी उस जिले से प्राप्त कर सकता है “जिस जिले में उसका निवास है, साथ ही चिकित्सा प्रमाण पत्र को सेवा पुस्तिका के साथ संरक्षित रखा जायगा तथा इस आशय का एक प्रमाण पत्र कोषालय में प्रस्तुत किये जाने वाले अभिलिखित मे किया जाना चाहिए। चिकित्सा अवकाश स्वीकृत करने हेतु सक्षम अधिकारी किसी शासकीय चिकित्सा अधिकारी जो सिविल सर्जन से निम्न श्रेणी का न हो आवेदक की स्वास्थ्य परीक्षण करने हेतु
द्वितीय चिकित्सा अभिमत प्राप्त कर सकेगा? क्या प्रभारी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी उपरोक्त नियम का पालन करते हुए शिक्षक का वेतन का लाभ दिया गया?
इससे स्पष्ट होता है प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी अनिमिता किया जाना प्रतीत होता है. इसकी जाँच किया जाना आवश्यक है.
इस सम्बन्ध मे सुचना के अधिकार के तहत आवेदन प्रस्तुत की गई है और एक माह बीत जाने के बाद भी जानकरी उपलब्ध नहीं कराई गई है.