मातृ-पितृ पूजन में पूजे गए सैकड़ो माता-पिता, बच्चों ने लिया आशीर्वाद

छत्तीसगढ़
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मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए सांसद व महापौर

(450 से अधिक स्थानों में हुए मातृ-पितृ पूजन, पूजे गए लाखो माता-पिता)

राजनांदगांव। श्री योग वेदांत सेवा समिति राजनांदगांव के तत्वाधान में प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी हर्सोल्लास के साथ मनाया गया । कार्यक्रम में अतिथि रूप में पहुंचे लोकसभा सांसद संतोष पांडेय व नगर की महापौर हेमा देशमुख ने पूजन कार्यक्रम को देखकर गदगद हो गए । भावविभोर होकर उपस्थित जनसमूह को मातृ-पितृ पूजन दिवस की बधाई दिए । 18 वर्ष पूर्व 2006 में पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ने इस दिवस को मनाने की पहल की जो आज भारत सहित 200 देशों में इस दिवस को मना रहे है यह अभियान एक व्यापक रूप ले लिया है । छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इस पर्व की सराहना करते हुए प्रतिवर्ष इसे मनाने की घोषणा की । अतिथि रूप में पधारे सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा कि आज मैं पूरे राष्ट्र वासी को मातृ-पितृ पूजन दिवस पर बधाई देता हूं तथा यह संस्कार जो हमारी प्राचीन संस्कृति थे उसे वर्तमान में भी संस्कारित करने का काम वर्षों से जो चल रहा है मैं इसके लिए पूज्य बापूजी का किन शब्दों में कहूं उन्होंने जो मिशन चलाया है वह बहुत ही अद्भुत है और इनको जारी रखने वाले ऐसे उनके संस्था का जो सतत संस्कार के कार्य में लगे रहते हैं ।

महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि आज का दिन बहुत खास है क्योंकि आज मातृ-पितृ पूजन दिवस है । जिस तरह श्री गणेश जी ने माता-पिता का पूजन कर उनका आशीर्वाद पाया और प्रथम पूज्य हुए ऐसे ही हम भी अपने माता-पिता का पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सभी क्षेत्रों में सफलता पाए ।

श्री योग वेदांत सेवा समिति के अध्यक्ष रोहित चंद्राकर व टीके चंद्राकर ने कहा कि बच्चों को बाल्यकाल में जैसे संस्कार दिया जाए वैसा उसका भविष्य होता है अच्छे संस्कार व्यक्ति को महान बना सकता है और वही बुरे संस्कार इंसान को पतन की खाई में गिरा सकता है । पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ने बच्चों को अच्छे संस्कार देने के कार्य में अपने जीवन काल के 60 वर्ष सनातन संस्कृति के रक्षा हेतु अर्पित कर दिया ।

बाल संस्कार विभाग के प्रमुख संजय साहू ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि आज के सुंदर आयोजन में बाल संस्कार केंद्र के बच्चों ने प्रेरणादायक सुंदर नाटिका प्रस्तुत की फिर बच्चों ने माता-पिता को आसन पर बिठाकर फूल-मालाएँ पहनायीं, तिलक किया और हाथों में पूजा की थाली लेकर पूजा-अर्चना की । फिर माता-पिता ने बच्चों को हृदय से लगा लिया और शुभ आशीष दी । विधिवत हुए इस पूजन कार्यक्रम की उपस्थित लोगों के हृदय से स्वीकारा की ऐसे दिन को बड़े भव्यता के साथ सभी को करना चाहिए । भारतीय परम्परा की इस झलक को देखकर माता-पिता सहित उपस्थित अन्य लोगों की भी आँखें गीली हो गयीं । कार्यक्रम में उपस्थित मान्यवरों ने श्री योग वेदांत सेवा समिति के इस सुंदर पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की । जिले में अब तक 450 से अधिक स्थानों में यह कार्यक्रम किये गए जिसमे लाखो माता-पिता व विद्यार्थियों ने माता-पिता व गुरुजनों का आदर करना सीखा है ।

लोगों को यह कार्यक्रम इतना पसंद आया कि आज भारत ही नहीं, विदेशों में भी मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाने लगा है । देश के विभिन्न मंत्रियों ने भी इस कार्यक्रम का भूरी-भूरी प्रशंसा कर पत्र के माध्यम से बधाई व शुभकामना प्रेषित किये है । इस कार्यक्रम का हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख, ईसाई, पारसी – सभी धर्मों के लोगों ने हृदयपूर्वक स्वागत किया है । समाज के सभी तबकों द्वारा इस दैवी कार्य के स्वागत का एक कारण यह भी है कि धर्म-जाति की परिधि से ऊपर उठकर इसमें सबके मंगल की भावना निहित है ।
कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकगण व पूरे जनसमूह ने उक्त आयोजन को खूब सराहा और भविष्य में ऐसे और भी आयोजन होते रहें, ऐसी इच्छा जाहिर की । बच्चों ने भी वेलेंटाइन डे के बजाय अपने माता-पिता और गुरुजनों का आदर-सम्मान करने के इस दिन को प्रत्येक साल मनाने का संकल्प लिया ।

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