संवाददाता – हफीज़ खान
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश में लोकसभा की 11 सीटों को जीतने के लिए कांग्रेस ने तागड़ी रणनीति बनाई है और कई दिग्गजों को मैदान में उतारा है, लेकिन जिन्हें इस चुनाव में जमीनी स्तर पर कार्य की जिम्मेदारी दी गई है शायद वे इस चुनाव को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसका एक उदाहरण राजनांदगांव लोकसभा सीट में नजर आता है, यहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में है और उनकी टक्कर भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान सांसद संतोष पांडे के साथ है, ऐसे में कांग्रेस को मजबूत बनाने वाले कार्यकर्ता और पदाधिकारी ही कांग्रेस का भट्ठा बैठाने में दिखाई दे रहे हैं। दो दिन पूर्व जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष ने भरे मंच में पूर्व मुख्यमंत्री के सामने कांग्रेस की फजीहत कर दी और इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल भी हो गया, तो वहीं अब दूसरी ओर खुज्जी विधानसभा क्षेत्र में जोन, सेक्टर, बूथ प्रभारियों की सूची यहां एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी की फजीहत का सबब बनी हुई है। कांग्रेस की इस सूची में तीन स्वर्गीय लोगों को ही बूथ प्रभारी बना दिया गया है। जिससे समझा जा सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के बावजूद यहां के जिम्मेदार कांग्रेसी इसे कितनी गंभीरता से ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह सूची विधायक भोलाराम साहू के कार्यालय से जारी हुई है, इस सूची में बूथ क्रमांक 13 स्वर्गीय महाजन ठाकुर, बूथ क्रमांक 22 स्वर्गीय, रोहित कंवर और बूथ 43 से स्वर्गीय डेरहा को बूथ अध्यक्ष बनाया गया है। जिनकी मृत्यु पाँच साल, तीन साल और दो साल पहले ही हो गयी है। इन स्वर्गवासियों को बूथ अध्यक्ष बना दिया गया है और इन्हें लोकसभा चुनाव में बूथ स्तर पर कार्य की जिम्मेदारी भी दे दी गई है। ऐसे में समझा जा सकता है कि कांग्रेस किस तरह से इस लोकसभा चुनाव को गंभीरता से ले रही है। विधायक कार्यालय से सूची जारी होना और बिना जवाबदारी दिये ही नाम शामिल कर देना यह दर्शाता है कि लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चुनाव मैदान में होने के बाद भी इसे नजर अंदाज करते हुए महज खानापूर्ति किए जाने सूची बनाई जा रही है और जमीनी स्तर पर बनने वाली रणनीति का जिम्मा मृतकों को सौंप दिया जा रहा है।