02.09.2023 को ग्राम देवपुर में मृतक बसंत के घर में फांसी लिए जाने की जानकारी मिली, जिसमें उसके भाई अजय द्वारा फांसी के फंदे को हंसिया से काटकर मृतक बसंत को नीचे उतारकर पिथौरा हॉस्पिटल, इलाज के लिए ले जाया गया, जहां पर चिकित्सक द्वारा उसे मृत घोषित किया गया। तत्संबंध में थाना पिथौरा जिला महासमुंद की पुलिस टीम द्वारा प्रकरण में जांच पंचनामा कार्यवाही कर एवं पोस्टमार्टम प्रक्रिया, प्रकरण चौकी बया को स्थानांतरित किया गया। *पीएम रिपोर्ट में मृतक की मृत्यु किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मृतक का गला घोटकर हत्या करना उल्लेखित किया गया* था। इस प्रकार प्रकरण में *मृतक की मृत्यु फांसी लगाने से ना होकर, उसकी गला घोटकर हत्या करना पाया जाना तथा घटना साक्ष्य को छुपाना भी पाया गया।* कि प्रकरण में पुलिस चौकी बया थाना राजादेवरी में अपराध क्र. 49/2024 धारा 302,201 भादवि पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया।
प्रकरण में चौकी बया पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुए *घटनास्थल का सूक्ष्म निरीक्षण, ग्रामवासियों एवं सगे संबंधियों से गहन पूछताछ किया गया। इसके साथ ही संदेह के आधार पर मृतक के भाई अजय को हिरासत में लेकर पूछताछ किया* गया, जिसमें आरोपी अजय द्वारा अपने भाई बसंत की गला घोटकर हत्या करना स्वीकार करते हुए बताया कि- *वह मृतक बसंत के आए दिन शराब पीकर घर वालों को गाली गलौज करने एवं परेशान करने से बहुत परेशान था। साथ ही मृतक द्वारा आरोपी के घर के सामने ही अपने लिए एक नया घर बनाया जा रहा था, जिससे आरोपी मृतक से नाराज एवं उसे ईर्ष्या महसूस कर रहा था। इन्हीं बातों से परेशान होकर एवं आवेश में आकर उसने घटना दिनांक को अपने भाई बसंत की हत्या* कर दिया तथा *उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए उसकी लाश को फांसी पर लटका दिया। फिर किसी को उस पर शक ना हो, इसके लिए गांव में बसंत द्वारा आत्महत्या करने का हल्ला कर, फांसी के फंदे को हंसिया से काटकर, उसकी लाश को नीचे उतारकर इलाज के लिए पिथौरा अस्पताल ले गया।* की प्रकरण में *आरोपी अजय उम्र 27 साल निवासी ग्राम देवपुर चौकी बया* को आज दिनांक 18.08.2024 को विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर जेल भेजने की प्रक्रिया की जा रही है।
*इस साल भर पुराने मामले का खुलासा करने एवं आरोपी को गिरफ्तार करने में निरीक्षक नकुल ठाकुर थाना प्रभारी राजादेवरी, सहायक उप निरीक्षक नवीन शुक्ला चौकी प्रभारी बया, प्रधान आरक्षक नरेंद्र ठाकुर, यशवंत ठाकुर, आरक्षक विक्रम पटेल, विक्रम पोर्ते एवं हरिप्रसाद यादव का उल्लेखनीय योगदान रहा।*