राजनांदगांव। मातृत्व दिवस के मौके पर मां बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने नीर और नारी अभियान चलाकर राजनांदगांव जिले के 412 गांवो में सोख्ता गढ्ढा बनाया है और जल संचय का संदेश दिया है। महिलाओं द्वारा बनाया गया एक सोख्ता गढ्ढा 55 हजार लीटर पानी का संचय करता है ।
पद्मश्री फूलबासन बाई यादव के नेतृत्व में मां बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने नीर और नारी अभियान चलाया हुआ है। जिले के कई गांवों में माहिलाओं ने सोख्ता गढ्ढा निर्माण के लिए श्रम दान कर जल संचय का संदेश दिया है। जल सरक्षण एवं संवर्धन के लिए मां बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने जिले के खैरागढ़, पाँडादाह, जंगलपुर, जटकन्हार सहित लगभग 412 गांवो में श्रमदान कर सोख्ता गढ्ढा का निर्माण किया है और पानी बचाने लोगो को जागरुक किया है। मां बम्लेश्वरी स्व समूह की महिलाओं ने अपने अपने गांव के बोरिंग, कुएं के पानी के बहाव के समीप सोख्ता गढ्ढा बनाया है। मां बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह की संस्थापक पद्मश्री फूलबासन बाई यादव ने बताया कि गर्मी के दिनों में पानी की समस्या से महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती है। भीषण गर्मी में भूमिगत जल स्तर गिरने की वजह से बोरिंग, ट्यूबवेल, कुएं भी सुख जाते हैं। इस समस्या को ध्यान मे रखकर महिलाओ ने बोरिंग कुए के समीप सोख्ता गढ्ढा का निर्माण कर लोगो को जागरुक किया है ।पद्मश्री फूलबासन बाई यादव ने बताया कि समूह की दो लाख से अधिक महिलाए 2007-08 से इस कार्य मे जुटी हुई है । इस कार्य मे महिला फौज स्वसहायता समूह की महिलाए और ग्राम पंचायत का सहयोग लिया जाता है ।
सोख्तागढ्ढा निर्माण के लिए 3 फीट गोलाई एवं 4 फीट गहराई का गढ्ढा खोद कर पत्थर ईट कोयला और रेत से भरा जाता है । एक सोख्ता गढ्ढा 55 हजार लीटर पानी का संचय करता है । महिला समूह के द्वारा किए जा रहे इस तरह के प्रयास से कई गांव में वाटर लेबल भी बेहतर हुआ है और पेयजल की समस्या दूर हुई है। वहीं अब इन महिला समूह के द्वारा ऐसे गांव को चयनित किया जा रहा है जहां वाटर लेबल काफी नीचे है और पेयजल की समस्या बनी हुई है।
