संवाददाता – हफीज़ खान
राजनांदगांव। सड़क पर मवेशियों के बैठने की वजह से कई दुर्घटनाओं के मामले सामने आ चुके हैं। नगर निगम के द्वारा सड़क से मवेशियों को हटाने का अभियान कुछ दिन ही चलता है और उसके बाद फिर इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है। सड़क पर मवेशी ना हो इसके लिए राज्य शासन गंभीर है और गौठान योजना भी चला रही है। इसके बावजूद शहर की सड़कों पर मवेशियों का बैठना आम है। जिसकी वजह से कई बार गंभीर दुर्घटनाएं भी हुई है। राजनांदगांव शहर के नेहरू नगर के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर दर्जनों मवेशियों का बैठना आम हो गया जिससे यहां से गुजरने वाले भारी वाहनों से अन्य राहगीरों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बनी हुई है। वहीं सड़क पर बैठने से मवेशियों की जान को भी खतरा है।
मवेशियों की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से भी सबक नहीं लिया जाता है और इस तरह मवेशियों को खुला छोड़ दिया जाता है, जो सड़क पर आकर बैठ जाती हैं। रात के अंधेरे में दुर्घटना की संभावना इन मवेशियों के सड़क पर बैठने से कई गुना बढ़ जाती है। इसी तरह शहर की अन्य सड़कों का भी यही हाल है, स्थानीय ओवर ब्रिज के ऊपर, चिखली रोड, बजरंगपुर नवागांव रोड, बसंतपुर रोड, मोहारा रोड, पुराना गंज रोड सहित शहर की कई सड़कें हैं जहां मवेशी बैठे नज़र आते हैं। स्थानीय प्रशासन का इस और सतत अभियान ना चलाना और संबंधित पशुपालकों को दंडित नहीं किए जाने के चलते पशुपालक अपनी मवेशियों को छोड़ देते हैं। समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता।