संवाददाता – करण सिंह ठाकुर
छुईखदान। क्षेत्र के साप्ताहिक बाजारों में , सट्टा और जुआ, खेलने-खिलाने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. क्षेत्र के साप्ताहिक बाजारों में ग्रामीण अपनी गाढ़ी कमाई सट्टा और जुआ में लुटाते नजर आते हैं. नईदुनिया ने प्रमुखता से ये खबर दिखाई थी.सट्टे के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है। पुलिस की टीम जुआ और सट्टा खेलने वाले अपराधियों पर लगातार नकेल कसने का काम कर रही है।
राजेश साहू के आते ही छुईखदान में वो हो गया जो आज तक कभी नहीं हुआ। कहा जाता है कि अगर अच्छा कप्तान टीम में है तो खिलाड़ी भी अच्छा खेलते हैं। वही हुआ जो कहावत है।
राजेश साहू ने आते ही मीडिया के माध्यम से सट्टेबाज़ों को चेतावनी दी थी कि सट्टा एक ऐसी बुराई है जिससे गरीब और माध्यम परिवार हमेशा से ग्रषित हो रहे हैं, अतः उनके पदस्थापना काल में सट्टे खाईवालों को बख्शा नहीं जाएगा। पूर्व में छुईखदान क्षेत्र में सट्टे से लगभग हर आम परिवार ग्रसित थे। शहर तो दूर गांव-गांव में सट्टा पट्टी लिखने वालों की भरमार थी। लेकिन जब से टीआई थाना प्रभारी राजेश साहू का एंट्री छुईखदान में हुआ है तबसे छुईखदान में सट्टा खाईवालों का नींद मानो हराम हो गया है।
जुआ-सट्टा खिलाकर सटोरिए युवाओं और बच्चों में जुआ खेलने का लत लगा रही है। इससे देश का भविष्य बर्बाद हो रहा है लेकिन सरकार के पास जुआ-सट्टे को नियंत्रित करने के लिए कोई प्रभावी कानून नहीं है। इसका दुष्प्रभाव समाज के सभी वर्ग और उम्र के लोगों पर पड रहा है। चल रहे जुए सट्टे को रोकने का कोई इंतजाम सरकार के पास नहीं है। न ही इस संबंध में कोई सख्त कानून है।
लेकिन नए थाना प्रभारी के आते ही छुईखदान अंचल में सट्टे के कारो बरियों में हड़कंप से मच गया है। सूत्रों की माने तो लगातार पुलिस की करवाई से कुछ खाईवाल अपनी मांद में घुसे रहना ही मुनासिब समझ रहे हैं। ये वही सट्टे के खाईवाल थे जिनके बारे में कहा जाता था कि इनकी राजनीतिक पहुंच ऊपर तक है, बहरहाल उनकी पहुंच अभी बौने साबित हो रही है।
छुईखदान में भूतनाथ, कल्याण, राजधानी डे, राजधानी नाईट, मैन बाजार नाम से मटका खेलाया जाता था जिसमे भी कल्याण नामक खेल में सबसे अधिक दांव लगता था। एक जानकारी के अनुसार प्रतिदिन छुईखदान में लाखों रुपये का दांव लगाया जाता था। बड़े खाईवालों के दुबकने के पश्चात अभी इक्के-दुक्के छोटे खाईवालों के ही बचने की आशंका है जिसपर भी जल्द कार्यवाही हो सकती हैl
सट्टा एक सामाजिक बुराई है इससे कोई 1 व्यक्ति नहीं पूरा परिवार ग्रसित होता है- राजेश साहू
सट्टेबाजी का लत एक ऐसा वायरस है जो आपको धीरे-धीरे खोखला बना देता है। इससे आदमी कर्जदार बन सकता है और उस व्यक्ति का लाइफ बर्बाद हो सकता है। लोग 1 का 10 पाने के चक्कर मे अपनी जमापूंजी भी लुटा बैठते हैं। सट्टे खाईवालों को कभी भी बक्शा नहीं जायेगा। किसी भी जनता को कहीं भी सट्टेबाजी की जानकारी मिले पुलिस को तत्काल सूचना दें।