राष्ट्र भक्ति के संग भगवान भोलेनाथ का जयकारा लगाते निकली भव्य कावड़ यात्रा 

छत्तीसगढ़
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संवाददाता- हफीज़ खान

राजनांदगांव 08 अगस्त । शहर में सावन माह का अंतिम सोमवार भक्ति भरा रहा। यहां सुबह से ही शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा, तो वहीं शहर में भव्य कावड़ यात्रा भी निकाली गई जिसमें सभी दल के जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में भगवान भोलेनाथ के भक्त शामिल हुए। इस दौरान श्रद्धालु हाथों में भारत की आन-बान और शान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज लेकर चल रहे थे।

फोटो- अमित चटर्जी 

सावन के अंतिम सोमवार को राजनांदगांव शहर में आस्था का सैलाब देखने मिला। यहां भव्य कावड़ यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। अलसुबह ही राजनांदगांव शहर के बागेश्वर मंदिर धाम के द्वारा राजनांदगांव शहर के मोहारा स्थित शिवनाथ नदी से जल लेकर कावड़ यात्रा की शुरुआत की गई।

इस कावड़ यात्रा में बड़ी संख्या में सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि और श्रद्धालु शामिल हुए। कावड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने का संदेश देते हुए हाथों में तिरंगा लेकर यात्रा में शामिल हुए। इस कावड़ यात्रा में राजनांदगांव की महापौर श्रीमती हेमा देशमुख और पूर्व सांसद एवं जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव भी शामिल हुए। इस दौरान महापौर ने कहा कि धर्म के साथ राष्ट्रप्रेम साथ-साथ चलें ऐसा सिर्फ भारत में ही हो सकता है।

 

वहीं जिला भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश हर धर्म समाज तक पहुंचा है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा लगाने इस कावड़ यात्रा में संदेश दिया गया है, जिससे देश की आजादी के लिए अपने प्राण निछावर करने वालों को सच्ची श्रद्धांजलि मिलेगी।

राजनांदगांव शहर में सावन के अंतिम सोमवार को निकली इस भव्य कावड़ यात्रा में महिला पुरुष श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए और भगवान भोलेनाथ के भजनों में झूमते चलते रहे। राष्ट्रभक्ति के संग निकली यह कावड़ यात्रा शिवनाथ नदी से प्रारंभ होकर शहर के विभिन्न मार्गो से होती हुई भगवान बागेश्वर मंदिर धाम पहुंच कर जलाभिषेक के साथ संपन्न हुई।

इस दौरान भव्य झांकी भी बनाई गई थी, जिसमें भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की प्रतिमा विराजमान थी। इस भव्य कावड़ यात्रा का शहर में जगह-जगह स्वागत किया गया इस दौरान बोल बम के नारों से राजनांदगांव शहर गुंजयमान होता रहा।

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