राजनादगांव। जिला कांग्रेस कमेटी व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सैय्यद अफजल अली ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ये बताए 15 सालों में कौन सा उद्योग राजनांदगांव में लगाये थे, जिसे कांग्रेस ने बंद कर दिया। पूर्व सांसद अभिषेक सिंह जिस तरह से बेरोजगार कार्यालय लिखा हुआ पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे है वो हास्यप्रद है। ये खुद 5 वर्ष सांसद रहे चुके है ये बताये इन्होंने अपने कार्यकाल कितने उद्योग लगाए है। वर्तमान विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री इनके पिता डा. रमन सिंह 3 बार राजनादगांव व डोंगरगांव से विधायक रह चुके है।
सैय्यद अफजल ने कहा भाजपा सिर्फ रोजगार आंदोलन कर के राजनैतिक रोटी सेक रही है। राजनादगांव में तत्कालीन सांसद विधायक भाजपा के ही है। 15 साल प्रदेश में सत्तासीन रही भाजपा अगर चाहे तो केंद्र और राज्य से समन्वय बना कर उद्योग स्थापित कर सकती हैं। सैय्यद अफजल ने कहा राजनांदगांव से विधायक चुन कर आने पर प्रदेश में मुख्यमंत्री रह चुके डा. रमन सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र में व्यापार उद्योग स्थापित क्यों नहीं की। राजनांदगांव में भी जमीन, पानी, नदी की समुचित व्यवस्था है यहां पर भी गन्ने की खेती हो सकती थी। यहां पर अपने गृह नगर कबीरधाम की तरह शक्कर कारखाना लग सकता था। अटल बिहारी सरकार में राजनादगांव से सांसद रहे डा. रमन सिंह केंद्र में उद्योग मंत्री रह चुके है, इनके ही कार्यकाल में लोगों की जीवनदायी बीएनसी मिल बंद हुआ। बीएनसी मिल्स से ही शहर जिले का व्यापार क्षेत्र बाजार गुलजार होता था। व्यापारी 10 और 25 तारीख का इंतेजार करते थे, इन्हीं तारीखों को मील कर्मचारियों का पगार होता था, इसका मतलब तो ये हुआ भाजपा ने ही अपने कार्यकाल में चलता हुआ व्यापार उद्योग को बंद कर दिया। 15 साल प्रदेश में सरकार होने पर भी भाजपा राजनादगांव में उद्योग नहीं लगा पाई।
सैय्यद अफजल ने कहा कि मोदी सरकार के 8 साल भाजपा के झूठे वायदों और जनता को मुंह चिढ़ाने वाले साबित हुये। जनता से हर के खाते में 15 लाख देने के वायदों को जुमला बता दिया। हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार-नौकरी देने के वायदे पर मोदी सहित पूरी भाजपा की बोलती बंद है। अच्छे दिन लाने का वायदा जनता से किया था आप जनता के बीच में जाकर सर्वे कर लो जनता बतायेगी अच्छे दिन आये क्या? देश के तीन नाम चीन उद्योपतियों के तीनों धन्ना सेठ हर दिन 1000 करोड़ कमाने लगे 35 रूपये लीटर पेट्रोल देने का वायदा करने वाले मोदी पेट्रोल-डीजल पर 35 रूपये एक्साइज वसूलने लगे थे। किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का वायदा करने वाले मोदी किसानों से खेती किसानी छीनने के लिये कानून बना दिये थे। देश में थोक महंगाई 30 सालों में सबसे ज्यादा 15.08 प्रतिशत हो गयी। खुदरा महंगाई मोदी के शासन काल में सबसे ज्यादा 7.8 प्रतिशत हो गयी। बेशर्म भाजपाई मोदी सरकार की नाकामी छुपा रहे है।
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