राजनांदगांव 18 अक्टूबर। शासन निर्देशानुसार नगर निगम द्वारा निगम सीमांतर्गत अवैध कालोनी एवं अवैध प्लाटिंग के विरूद्ध सख्त रवैया अपना कर कार्यवाही की जा रही है और अवैध प्लाटिंग की जॉच कर उसे ध्वस्त करने तथा अवैध कालोनी भूमि विक्रय पर बाहय विकास शुल्क जमा करने नोटिस जारी किया जा रहा है। अब तक कई क्षेत्र के अवैध प्लाटिंग ध्वस्त करने के साथ-साथ अवैध कॉलोनी में बाह्य विकास शुल्क जमा करने नोटिस दिया गया है।
अवैध प्लाटिंग के विरूद्ध कार्यवाही करने जिलाधीश श्री डी. सिंह द्वारा भी निर्देश दिये गये है ंइसी कड़ी में आज नगर निगम द्वारा वार्ड नं. 45 स्थित में कौरिनभाठा मुक्तिधाम के पास अवैध प्लाटिंग कर मुरूम रोड एवं नाली का निर्माण करने पर उसे जेसीबी से उखाडकर मुरूम जप्त करने की कार्यवाही की गयी।
कार्यवाही के संबंध में निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि शासन द्वारा अवैध कालोन निर्माण एवं अवैध प्लाटिंग के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे, इसके अलावा जिलाधीश महोदय द्वारा भी अवैध प्लाटिंग के विरूद्ध कडी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है निर्देशानुसार नगर निगम की टीम निरीक्षण कर निगम सीमांतर्गत अवैध कालोनी एवं अवैध प्लाटिंग के विरूद्ध सख्त रवैया अपना कर कडी कार्यवाही कर रही है और अवैध प्लाटिंग की जॉच कर उसे ध्वस्त करने तथा अवैध कालोनी भूमि विक्रय पर बाहय विकास शुल्क जमा करने नोटिस जारी किया जा रहा है। जिसके तहत कंचन बाग, लखोली, रेवाडीह आदि क्षेत्रों में हो रहे अवैध प्लाटिंग ध्वस्त किया गया और आज वार्ड नं. 45 कौरिनभाठा मुक्तिधाम के पास भूमि खसरा कं. 282/1 व 273/1 भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर मुरूम रोड एवं नाली का निर्माण किया जा रहा था। जोकि छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 ग (2) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। जिसपर कार्यवाही करते हुये निगम की टीम द्वारा उक्त अवैध प्लाटिंग को जेसीबी के माध्यम से ध्वस्त कर नाली तोडने की कार्यवाही की गयी, इस प्रकार की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। कार्यवाही के दौरान उप अभियंता श्री अनुप पाण्डे, पटवारी श्री मिलिन्द रेड्डी व श्री गणेश झा निगम का अतिक्रमण अमला उपस्थित था।
आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने तकनीकी अधिकारियों से कहा कि, नगर निगम सीमाक्षेत्र में अवैध कॉलोनी एवं अवैध प्लाटिंग की जॉचकर नोटिस जारी करें और यदि संबंधित के द्वारा अवैध प्लाटिंग कार्य बंद नही किया जाता तो उनके विरूद्ध निगम प्रावधानों के तहत् कडी से कडी कार्यवाही करें।