एसडीएम के आदेश के बाद भी नहीं मिला प्रभावितों को गणना पत्र

छत्तीसगढ़
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संवाददाता – करण सिंह ठाकुर 

साल्हेवारा। खैरागढ़ जिला के सबसे अंतिम छोर में बसे गांव दनिया को तहसील मुख्यालय छुईखदान से जोड़ने वाली दनिया उदयपुर मार्ग का निर्माण कार्य में इन दिनों चल रहा है l उक्त मार्ग का निर्माण एडीबी प्रोजेक्ट अंतर्गत ठेकेदार ऐन सी नाहर के द्वारा किया जा रहा है l मार्ग निर्माण के चौड़ीकरण की जद में छुईखदान से लेकर दनिया तक एक दर्जन से अधिक गांव के सैंकड़ों मकान और बाउंड्रीवाल को तोड़ा गया है जिसके लिए इन प्रभावित मकान मालिकों को एडीबी द्वारा एक एनजीओ से सर्वे और गणना करा कर सहायता राशि (मुआवजा) बांटा गया है l किसानों को चेक तो दे दिया गया है किन्तु गणना पत्र नहीं दिया गया l जिससे किसी भी प्रभावितों को ये पता नहीं कि उनकी कितनी सम्पत्ति का मुआवजा मिला है और कितने तोड़े जा रहे हैं l प्रभावित परिवारों द्वारा इस संबंध में एडीबी और पीडब्ल्यूडी विभाग के आधिकारों से निवेदन कर गणना पत्र मांगा गया, किन्तु पिछले 06 माह से आज कल कहते हुए लगातर घुमाया जा रहा है l कभी कहते हैं कि गणना पत्र गोपनीय होता है इसे नहीं दिखाया जाता, तो कभी झूठे नियम बता कर किसानों को गुमराह कर रहे हैं l

एडीबी के इस आचरण से लोगों में तेजी से आक्रोश बढ़ता गया, जिसका परिणाम प्रभावित लोगों के द्वारा दनिया से छुईखदान तक पद यात्रा कर प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर गणना पत्र दिलाने और पुन: सर्वे व मूल्यांकन कराने की मांग किए थे l जिस पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, अनुविभाग छुईखदान (एसडीएम) श्रीमति रात्रे द्वारा प्रभावित किसान, ग्रामीण, राजस्व टीम, सड़क निर्माण के अधिकारी और एडीबी वालों की संयुक्त बैठक बीते 09 नवंबर को छुईखदान में आयोजित किया गया था l जिसमें किसानों की जमीन का तत्काल पुन: सर्वे राजस्व अमले के द्वारा करने तथा एडीबी के एनजीओ के अधिकारी सुशील ओझा को 3 दिनों में गणना पत्र सभी प्रभावितों को वितरित कर पावती अपने कार्यालय में जमा करने का आदेश दिए जिस पर सहमति बनने के बाद बैठक समाप्त हुआ l

बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार एसडीएम द्वारा 9 तारीख को ही राजस्व और एडीबी के अधिकारीयों की पुन: सर्वे के लिए टीम भी गठित कर दिया गया l टीम में गंडई तहसील के गांवों के लिए गंडई तहसीलदार त्रिभुवन वर्मा, छुईखदान तहसील के गांवों के लिए छुईखदान तहसीलदार एवं हल्का पटवारी, आरआई एवं इंजीनियर फारूक सहित अन्य आधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई l

सर्वे का काम तो शुरू कर दिया गया, किन्तु एडीबी के एनजीओ के द्वारा गणना पत्र को अब तक वितरण नहीं किया गया है, जिसे वितरण करने के स्वयं एसडीएम मैडम के द्वारा आदेशित किया गया था l

एसडीएम के आदेश के बावजूद गणना पत्र नहीं देने पर एडीबी सहित प्रशासन के प्रति जन आक्रोश बढ़ता जा रहा है l लोग बड़े आंदोलन की राह पर आगे बढ़ते जा रहे हैं l बताया जाता है कि किसान और प्रभावित परिवारों ने प्रशासन को कार्यवाही नहीं होने पर आमरण अनशन पर बैठने का अल्टीमेटम भी दे दिए हैं l

देखना होगा कि प्रशासन एडीबी और उसके एनजीओ के खिलाफ क्या कारवाही करती हैl

एडीबी वालों को 9 तारीख की मीटिंग में प्रभावित परिवारों को गणना पत्र दे कर पावती कार्यालय में जमा करने के लिए बोला गया था। अगर गणना पत्र अब तक वितरित नहीं किया गया है, तो इस बारे में पता करवाती हूं।

रेणुका रात्रे , एसडीएम छुईखदान

गणना पत्र अब तक प्रभावितों को नहीं दिया गया है l अगर प्रभावित परिवारों के जायज मांगों को नहीं माना गया तो शीघ्र बड़े आंदोलन करने की तैयारी है , मैं न्याय कि इस लड़ाई में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा हूं। खम्महन ताम्रकार, भाजपा नेता

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