संवाददाता -अंकालू साहू
राजनांदगांव। वार्ड नम्बर 23 की पार्षद श्रीमती सुनीता फड़नवीस ने अपने वार्ड विकास के लिए एक करोड़ से अधिक की राशि का प्रकल्न विभागीय मंत्री डॉ शिव डहरिया जी को सौपा श्रीमती फडणवीस ने बताया की वार्ड में विगत तीन वर्ष से मंत्रालय में राशि स्वीकृति के लिए फाइल पहुंची है माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का शहर आगमन पर भेट मुलाकात के समय ज्ञापन सौंपी थी निगम में उनका पत्र पहुंचा जिसमे श्रीमती इंदिरा गांधी जी व माननीय राजीव गांधी जी की प्रतिमा की भी राशि है विभिन्न स्थानों पर पी सी सी नाली जैसे अनेक कार्य किया जाना है वार्ड में आवश्यकता अनुसार डामरीकरण कार्य नही किया गया है।
मंत्री जी को लिखित शिकायत कर बताया की निगम मेरे बिना जानकारी के मेरे वार्ड के अंतर्गत कमला कालेज के समीप आर के नगर रोड के बीचों बीच अवैधानिक रूप से मूर्ति की स्थापना कर दी है माननीय सुप्रीम कोर्ट के जारी दिशा-निर्देशो और नियम कानूनो का उल्लंघन करते हुए नगरनिगम द्वारा की गयी मूर्ति स्थापना की शिकायत कर भुगतान रोकने की बात कही गई !
वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में सभी राज्यो को मूर्ति स्थापना के विषय में दिशा निर्देश जारी किया था! जिसके अनुसार सार्वजनिक स्थानों व रोड रास्तो के मध्य मूर्ति की स्थापना नहीं की जा सकती एवं मूर्ति धातु अथवा पत्थर का होना अनिवार्य है! फड़नवीस ने कहा की किसी भी संस्था या निकाय द्वारा मूर्ति स्थापना हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति द्वारा स्थल का चयन किया जाता है उसके उपरांत कलेक्टर और एसपी के सयुंक्त हस्ताक्षरयुक्त पत्र द्वारा शासन से अनुमति ली जाती है एवं अनुमति प्राप्त होंने के पश्चात ही मूर्ति की स्थापना की जाती है !
प्राप्त जानकारीनुसार नगरनिगम द्वारा ऐसी किसी भी प्रक्रिया का पालन किये बिना एवं माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा निर्देश के अवहेलना कर सड़क के मध्य में ही मूर्ति की स्थापना कर दी है ! उपरोक्त कारणो और नगरनिगम की मनमानी को देखते हुये माननीय विभागीय मंत्री शिव डहरिया जी , जिलाधीश एवं आयुक्त को पत्र लिखकर मूर्ति स्थापना में हुये व्यय के भुगतान को रोकने कहा है!
सुनीता फड़नवीस ने कहा की मूर्ति स्थापना में नियम कानूनों का उल्लंघन और गलत स्थल चयन को देखते हुए सभी एल्डरमेन को भी मैंने पत्र लिखकर भुगतान रोकने की बात कही है जिससे की राशि का दुरपयोग न हो ! श्रीमती फड़नवीस ने कहा के वे स्वयं देश के महापुरुषो की मूर्ति स्थापना की पक्षधर है किन्तु नियम कानूनों का उल्लंघन करते हुये गलत स्थान पर स्थापना का विरोध करती है मध्य रोड में स्थापना करना यातायात की दृष्टि से भी उचित नही होता किसी वाहन के टकराने से मूर्ति के खण्डित होने अपमान होने की हमेशा सम्भावना बनी रहती है।