*भानपुरी स्कूल में हिन्दी दिवस पर हुआ आयोजन*
राजनांदगांव। हिंदी दिवस के अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भानपुरी में आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिंदी भाषा को लेकर उपस्थित शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किये। हिंदी का बखान करते हुए शिक्षकों ने हिंदी के महत्वपूर्ण स्थान को बताया। विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य पंकज शुक्ला ने कहा कि हर एक देश को दूसरे देश से अलग करने वाले कई कारण होते हैं। जैसे लोगों के आचार- विचार, रहन-सहन, खान पान, तीज त्यौहार और सांस्कृतिक विरासत इन सब के अलावा एक और प्रमुख कारण है भाषा। भाषा केवल भाव या विचारों को व्यक्त करने का साधन नहीं है बल्कि वह संस्कृति का अंग भी है। भारत की राजभाषा हिंदी को चुनने में सबसे महत्वपूर्ण आधार है इसके बोलने वालों की संख्या और उस भाषा की व्यापकता। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को जनमानस की भाषा कहा है।
*भारत की राजभाषा संस्कृत से उत्पन्न होती है*
हिंदी दिवस के आयोजन में व्याख्याता डा. अवंतिका शर्मा ने हिंदी की विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संघ की राजभाषा भाग-17 अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है। अपनी इस भाषा को राजभाषा का दर्जा देने के लिए हमें संघर्ष करना पड़ा। हिंदी भाषा हमें हमारे वर्तमान के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की धरोहर तथा प्राचीन धर्म ग्रंथो से जोड़ती है। हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए अनगिनत साहित्यकारों ने सार्थक प्रयास किया है। उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा पर जोर देने की बात कही है। इसके लिए विद्यार्थियों को मातृभाषा हिंदी के प्रति प्रेम भाव की सृजनात्मकता के लिए निबंध, लेखन में सम्मिलित होने प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर स्काउट गाइड की प्रभारी श्रीमती भारती रजक साहित शाला के समस्त स्टाफ और विद्यार्थी गण उपस्थित थे।