पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने ग्रामीणों को फलदार पौधे बांटे

छत्तीसगढ़
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संवाददाता – करण सिंह ठाकुर 

छुईखदान। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल गातापार जंगल कैम्प के बल कर्मियों ने इलाके के टेमरी, गाड़ाघाट व लक्षणा गाँवों में उतम नस्ल के 300 फलदार पौधों का वितरण किया गया। चाहे पर्यावरण की दशा सुधारने का प्रण हो या इलाके के लोगों को विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से दूर रखने का संकल्प, आईटीबीपी की 40वीं वाहिनी सेनानी अनंत नारायण दत्ता के निर्देशन में इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने के साथ-साथ अनेक सामाजिक कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसी दिशा में सहायक सेनानी श्याम भट्ट के नेतृत्व में फलदार पौधों का वितरण किया गया। इन फलदार पौधों के लिये ग्रामीणों में काफी उत्साह देखा गया।  ग्रामीणों ने मांग की कि भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर फलदार व अन्य पौधे उपलब्ध करवाए जाएं ताकि पौधारोपण कर हम आगे आने वाली पीढ़ियों के लिये स्वच्छ वातावरण दे सकें। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुये श्याम भट्ट ने ग्रामीणों को समझाया कि हम अपने स्वार्थ के लिये जंगलों को काट रहे हैं जो कि आने वाले समय में हमारे लिए प्राणघातक सिद्ध होगा आज देश के कई शहर दमघोटू साबित हो रहे हैं तथा उन शहरों में रहने वाले लोग जहरीली हवा खा रहे हैं औऱ उसके कारण विभिन्न बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। परन्तु हमारा छत्तीसगढ़ वनों के कारण इन सब समस्याओं से अभी अछूता है लेकिन वनों का दोहन इसी प्रकार होता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब हम भी दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों की भाँति दूषित वायु खाने के लिये मज़बूर हो जाएंगे, इसलिये हमें आज ही से अपने पर्यावरण का सरंक्षण करना होगा तथा इस संवेदनशील विषय पर गंभीरता से विचार करना होगा तभी हम आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित वातावरण दे पाएंगे। ये पौधे जिनमें जाम (अमरूद), कटेल (कटहल), आम तथा सीताफल के पौधे मुख्य रूप से शामिल थे, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय खैरागढ़ के सौजन्य से प्राप्त किए गए। इस अवसर पर बल के निरीक्षक राजीव कुमार, उप- निरीक्षक पीयूष लकड़ा, अन्य हिमवीर तथा ग्राम पंचायत बड़गाँव सदस्य गुलाब चंद, लक्षणा पंचायत सरपंच कमलेश वर्मा उपस्थित थे।

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