राजनांदगांव -नदियों के संवर्धन और जल संरक्षण का संदेश लेकर शिव गंगा महाआरती की 44 वीं कड़ी का आयोजन राजनांदगांव शहर के मोहारा स्थित शिवनाथ नदी के तट पर किया गया। जहां विधिविधान से भगवान भोलेनाथ और मां गंगा की महा आरती संपन्न हुई।
भीषण गर्मी में जल के महत्व को समझा जा सकता है, वही सूखती नदियों को देखकर, जल की कमी और तेजी से प्रदूषित होती नदियों पर गहराये संकट का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में इन नदियों को सहेजने की अत्यंत आवश्यकता भी नजर आती है। जल के संरक्षण और नदियों के संवर्धन का संदेश लेकर शिवगंगा महाआरती की 44 वीं कड़ी का आयोजन मोहारा स्थित शिवनाथ नदी के तट पर किया गया। जहां पंडित अनिल आचार्य के द्वारा शिवगंगा महाआरती विधि विधान से संपन्न कराई गई। महाआरती की शुरूआत भगवान भोलेनाथ से छत्तीसगढ़ प्रदेश सहित देश की तरक्की, खुशहाली अमन और शांति की कामना के साथ की गई। नदियों में कम होता जलस्तर सूखती नदियों और नदियों को प्रदूषण से बचाने जल संरक्षण की कामना को लेकर मां गंगा की महा आरती की गई। इस अवसर पर पंडित अनिल आचार्य ने कहा कि जब से शिव गंगा महाआरती का आयोजन किया जा रहा है। राजनांदगांव शहर में पेयजल का विकराल संकट नहीं आया है।
लगभग 4 वर्षों से मोहारा स्थित शिवनाथ नदी के तट पर राष्ट्रीय मासिक पत्रिका”द ट्रायो” के द्वारा शिवगंगा महा आरती का आयोजन किया जा रहा है, जिस की 44 वीं कड़ी पर भी लोगों को नदियों को सहेजने और जल संरक्षण का संदेश दिया गया। शिवगंगा महाआरती के इस आयोजन में लोगों को जोड़ने महा आरती का सीधा प्रसारण सोशल नेटवर्किंग साइट के माध्यम से किया गया। मोहरा स्थित शिवनाथ नदी के तट पर आयोजित हुई महा आरती में शिवगंगा महा आरती के संयोजक आलोक शर्मा और वरिष्ठ पत्रकार परमानंद रजक शामिल हुए।