ब्राम्हण पारा में शरद श्रीवास्तव नंदी के निवास पर हुआ सुंदरकांड का पाठ

छत्तीसगढ़
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संवाददाता – करण सिंह ठाकुर 
छुईखदान। धर्मयात्रा अनवरत जारी है,धर्म जन जागरण के अभियान लगातार युवा जुड़ते जा रहे हैं। न केवल सुंदरकांड व हनुमान चालीसा के पाठ में हिस्सा ले रहे हैं। बल्कि संकल्प के माध्यम से मंदिरों,नदियों,तालाबों और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी ले रहे हैं। 50 वें पड़ाव में यात्रा छुईखदान शहर के शरद ( नंदी ) श्रीवास्तव के ब्राम्हण पारा स्थित निवास पहुंची। यहां उनके पिता 70 वर्ष पूर्व हनुमान जी मंदिर स्थापित किया था। श्रीवास्तव के परिजनों ने मंदिर धर्मयात्रा का आत्मीय स्वागत किया। कार्यक्रम में विवि की ख्यातिलब्ध कलाकार विधा सिंह राठौर ने भजनों की प्रस्तुति दी। इस दौरान समिति के संजीव दुबे,शरद श्रीवास्तव,देव राज किशोर दास, , संजय पाल,विजय दुबे आलोक बख्शी गौतम सेन विकास तिवारी, महोबिया, विपिन तिवारी, न, देवेंद्र ठाकुर, पीयूष तंबोली, अमित थवाईत, मनीष शर्मा, जैनेंद्र जैन ,सुबू जैन, विनय रामटेके, आलोक यादव, सहित अन्य मौजूद रहे। धर्मयात्रा में राजीव चंद्राकर,शिवम नामदेव,सुभाष राजपूत,नेहित चावड़ा,अजेन दशरिया सहित अन्य सतत भागदारी निभा रहे हैं।

सेवा सर्वोपरि

ध्वज वाहक भागवत शरण सिंह ने कहा कि सत्य सनातन धर्म वसुधैव कुटुम्बकम की धारणा के साथ चलता है। जिसमें संपूर्ण ब्रम्हांड और जीव जंतु एक कुटुंब की तरह है। हमें अपने जीवन में न केवल सेवा को सर्वापरि मानकर चलना चाहिए। बल्कि धर्म संरक्षण की दिशा में भी सतत आगे बढ़ना चाहिए। सनातन काल से ही मंदिर हमारे शक्ति पुंज रहे हैं। जहां शिक्षा से लेकर चिकित्सा तक की व्यवस्था रही है। हमें पुनः मंदिरों को शक्ति पुंज के रूप में स्थापित करना होगा। हर सनातनी को शस्त्र और शास्त्र दोनों का ज्ञान आवश्यक है। जैसा सनातनकाल में गुरुकुल प्रदान करते रहे हैं।

महिलाओं की बढ़ी भागीदारी

धर्मयात्रा के प्रत्येक पड़ाव में युवाओं के साथ युवाओं के साथ महिलाओं की भी भागीदारी बढ़ती जा रही है। जो न केवल सुंदरकांड व हनुमान चालीसा पाठ का हिस्सा बन रही हैं। बल्कि धर्म संरक्षण के संकल्प को भी मज़बूती प्रदान कर रही हैं।

मंदिर निर्माण के लिए दिए 5001 रूपए

पाठ पश्चात 50 वें पड़ाव के आयोजक शरद श्रीवास्तव ने सिद्ध पीठ श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर निर्माण के लिए 5001 रुपए प्रदान किए। जिसे मंदिर समिति के खाते में जमा कराया गया। धर्म यात्रा के दौरान प्राप्त सहयोग राशि को मंदिर निर्माण के लिए संकलित किया जा रहा है।

छुईखदान क्षेत्र में धर्मयात्रा का संयोजन कर रही श्री जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष आदित्य देव वैष्णव ने धर्मयात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धार्मिक तीर्थाटन कॉरिडोर के उद्देश्य से गोपालपुर के अष्ठभुजी गणेश मंदिर से यात्रा आरंभ हुई थी। जो 41 वें पड़ाव में कवर्धा के भोरमदेव मंदिर पहुंचीं। जहां से मंदिर निर्माण के उद्देश्य को इसमें शामिल किया गया।

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